शहतूत रेशम के कीड़े, बॉम्बिक्स मोरी एल के रोग एवं कीट

I. रोग

1. ग्रासेरी:

उत्पादक (कारक) एजेंट: बॉम्बिक्स मोरी न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस

घटना: यह बीमारी पूरे साल में कभी भी हो सकती है, लेकिन गर्मी और बरसात के मौसम में इसका प्रकोप बढ़ जाता है।

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संक्रमण का स्रोत: शहतूत के दूषित पत्तों को खाने की वजह से रेशम का कीट संक्रमित हो जाता है। ग्रासेरी लार्वा द्वारा छोड़ा गया दूधिया सफेद तरल पदार्थ, रेशमकीट के दूषित पालन घर और उपकरण संक्रमण का स्रोत हैं।

पहले से ज्ञात कारण: उच्च तापमान, कम नमी और कम गुणवत्ता वाली शहतूत की पत्तियां।

लक्षणः
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प्रबंधन:

2. फ्लेचरीः

उत्पादक (कारक) एजेंट: बॉम्बिक्स मोरी संक्रामक फ्लेचरी वायरस/बॉम्बिक्स मोरी डेन्सोन्यूक्लियोसिस वायरस या विभिन्न रोगजनक बैक्टीरिया अर्थात्, स्ट्रैपटोकोकस एसपी./ स्टाफीलोकोकस एसपी./ बेसिलस थुरिनजिनेसिस/सेराटिया मार्सेनसी अलग-अलग या बैक्टीरिया और वायरसों के संयोजन में।

घटना: गर्मी और बरसात के मौसम के दौरान बीमारी का होना आम है।

संक्रमण के स्रोत: रेशम के कीट शहतूत की दूषित पत्ती खाने से संक्रमित हो जाते हैं। मृत रोगग्रस्त रेशमकीट, इसके मल पदार्थ, आंत का रस, शरीर के तरल पदार्थ रोगज़नक़ संदूषण के स्रोत हैं। चोट/कटने/घाव के माध्यम से भी संक्रमण भी हो सकता है।

पहले से ज्ञात कारक: तापमान में अस्थिरता, उच्च आर्द्रता और पत्तियों की खराब गुणवत्ता।

लक्षणः
प्रबंधनः

3. मस्करडाइन:

उत्पादक (कारक) एजेंट: फफूंद की बीमारियों में, व्हाइट मस्करडाइन आम है। यह बीमारी ब्यूवेरिया बासियाना की वजह से होती है।

घटना:बरसात और सर्दियों के मौसम में इस बीमारी का होना आम है।

संक्रमण के स्रोत:  कोनिडिया के रेशमकीट के शरीर के संपर्क में आने पर यह संक्रमण शुरू होता है। परिरक्षित रेशम के कीड़े/वैकल्पिक मेजबान (अधिकतर लेपीडोप्टेरॉन कीट होते हैं), दूषित पालन घर और उपकरण संक्रमण के स्रोत हैं।

पहले से ज्ञात कारक:   उच्च नमी के साथ कम तापमान।

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लक्षणः
प्रबंधनः

4. पेबराइनः

उत्पादक (कारक) एजेंट: नोसेमा बॉम्बिक्स / माइक्रोस्पोरिडिया के विभिन्न प्रकार।

घटना:गैर मौसमी

संक्रमण के स्रोत: रेशमकीट अंडे (ट्रांसोवेरियम /ट्रांसोवम ट्रांसमिशन) के माध्यम से या दूषित शहतूत की पत्ती खाने से संक्रमित हो जाता है। रेशम के संक्रमित कीड़े, मल, संदूषित पालन घर और उपकरण एवं वैकल्पिक मेजबान (शहतूत कीट) संक्रमण के स्रोत हैं।

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लक्षणः
प्रबंधनः

पालन घर, उसके आसपास की जगह और उपकरणों को कीटाणुरहित करें:
कीटाणुशोधन के लिए किसी की अनुमोदित कीटाणुनाशक का चयन करें। सीएसआर एवं टीआई, मैसूर ने निम्नलिखित कीटाणुनाशकों की सिफारिश की है:

II. कीटाणु

1.उजी (यूजेडआई) मक्खी

 

Uzi fly

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Egg of uzi fly

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Black scar

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Damage to cocoons

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घटना और लक्षणः

उजी (यूजेडआई) मक्खी, एक्सोरिस्ता बॉम्बिसिस रेशमकीट, बॉम्बिक्स मोरी की एक गंभीर एंडो लार्वा परजीवी है, जो रेशम उत्पादन में प्रमुख कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों के रेशमकीट कोकून की फसल को 10-15%

उजी (यूजेडआई) मक्खी साल भर होती है, लेकिन बरसात के मौसम के दौरान इसकी उग्रता बढ़ जाती है। अंडे या रेशमकीट के शरीर पर काले निशान की मौजूदगी और कोकून की नोक पर भुनगा उद्भव छेद उजी मक्खी के हमले के विशिष्ट लक्षण हैं।

उजी (यूजेडआई) मक्खी जैसे ही पालन घर में प्रवेश करती है, यह प्रत्येक रेशमकीट लार्वा पर एक या दो अंडे देती है। 2-3 दिन में, अंडे से निकले बच्चे लार्वा के अंदर प्रवेश करते हैं और 5-7 दिनों के लिए उसके अंदर की सामग्री को खाते

नियंत्रण के उपायः

बहिष्करण विधि
भौतिक (उजी जाल का उपयोग करना)

एक मेज को 1 लीटर पानी में डुबोएं और तीसरे इनस्टार से कताई के स्थान की तरफ घोल को सफेद ट्रे में डालकर पालन घर में खिड़की के आधार पर अंदर और बाहर दोनों तरफ रखें।
अंदर से उभरने वाली उजी मक्खियों को पकड़ने के लिए पालन घर/ऊपरी हॉल के अंदर उजी जाल लगाएं, कताई के बाद 20 दिनों तक बंद दरवाजे की स्थिति के तहत रखें ।

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जैविकः
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Proper disposal of silkworm litter after cocoon harvest

नेसोलिनक्स थाइमस की उपलब्धता:

कीट प्रबंधन प्रयोगशाला, सीएसआरटीआई, मैसूर में उपलब्ध है। आवश्यक पाउच की संख्या और रेशम के कीड़ों की ब्रशिंग की तारीख का संकेत करते हुए ब्रशिंग की तारीख के दिन के लिए मांग रखें। 25 रुपये प्रति थैली (पाउच) के अग्रिम भुगतान की रसीद पर कूरियर द्वारा आपूर्ति की जाती है।

2. डर्मेस्टिड भृंग

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घटना ओर लक्षणः

डर्मेस्टिड भृंग, डरमिस्टिस अटर को कोकून भंडारण कमरे में छेद वाले कोकूनों पर हमला करने के लिए जाना जाता है। मादा भृंग कोकूनों के कोये में लगभग 150-250 अंडे देती है। भृंग कोकून भंडारण कमरे से ग्रेनेज की ओर जाते हैं और हरे कोकून के साथ ही रेशम के कीटों पर भी हमला करते हैं। आम तौर पर वे कीट के पेट के क्षेत्र पर हमला करते हैं। कोकूनों को 16.62% और रेशम के कीटों को 3.57% क्षति होने का अनुमान है।

डर्मेस्टिड भृंग का प्रबंधन:

रोकथाम के उपायः

यांत्रिक नियंत्रण: झाड़ू लगाने द्वारा या एक वैक्यूम क्लीनर का उपयोग करके घुनों (ग्रब्स) और वयस्कों को इकठ्ठा करें, जला कर या साबुन पानी में डुबाकर नष्ट कर दें।

रासायनिक नियंत्रण:
स्रोतः

केन्द्रीय रेशम उत्पादन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, मैसूर, कर्नाटक